26 जनवरी 2021 लाल किले की घटना

लाल किले की घटना के बाद मोदी जी सहित पूरी भाजपा क्रोध में है और एक्शन की तैयारी में है इसलिए जैसे ही यह घटनालाल किले की घटना के बाद मोदी जी सहित पूरी भाजपा क्रोध में है और एक्शन की तैयारी में है इसलिए जैसे ही यह घटना घटी तो  सुरक्षा एजेंसियों की चूक का तुरंत जायजा लिया गया और तुरंत कैबिनेट मंत्रियों के बैठक के शुरू हुई  चर्चा शुरू की गई दिल्ली पुलिस के भी काफी उच्च स्तर पर बैठक हुई और दिल्ली पुलिस ने भी अपनी चिंताओं से अजीत डोभाल और अमित शाह जी को अवगत कराया और मोदी जी डायरेक्ट सारी राष्ट्र विरोधी  गतिविधियां जो घट चुकी है उसका जायजा ले रहे हैं और राष्ट्र की चिंताओं को आपत्तिजनक बता चुके थे ।



 अमित शाह जी और मोदी जी के बीच और कैबिनेट मंत्रियों के बीच भी उच्च स्तर की बैठकर चल रही थी किस तरह देशद्रोही गतिविधियों और आंदोलन के उग्र होने की गतिविधियों को शांत करके ठीक-ठाक किया जाए।

अमित शाह और कैबिनेट मंत्री सभी एक सुर में कह रहे थे गद्दारों के बिलों में हमने बहुत ज्यादा कुछ ज्यादा ही खोलता तेल डाल दिया है इसलिए काफी उग्र और कुछ अधिक गद्दार Billo से बाहर निकल रहे हैं जिससे स्थिति आपत्तिजनक हो चुकी हैं।और कंट्रोल के बाहर जा रही है लेकिन अब तक स्थिति शांत हो चुकी हैं।

आनन-फानन में किसान नेताओं से भी वार्ताओं का दौर चल रहा है किसी गंभीर परिणाम पर पहुंचने से पहले किसान नेताओं पर भी यूएपीए जैसी घातक धाराएं लगाकर फिर से देश के वातावरण को उग्र नहीं बनाना चाहते हैं मोदी और अमित शाह जी ठंडे दिमाग से घातक कूटनीति के तहत किसान नेताओं को छोटे-मोटे मुकदमे लगाकर जो दोषी थे हैं इस मामले को भड़काने के बजाय रफा-दफा करने की तैयारी में पहुंच चुके हैं।

 लेकिन इस पूरे प्रकरण में राजनाथ सिंह की कमी खल रही है जो तुरंत कुछ एक्शन तो नहीं लेते हैं लेकिन तुरंत कड़ी निंदा तो कर ही देते।

 अब  घातक धाराए अगर किसान नेताओं पर लगा देंगे तो स्थिति संभालना मुश्किल हो जाएगा और मोदी शाह की कूटनीति किसी भी गंभीर इस स्थिति में देश को फसाना नहीं चाहती।इसलिए किसान नेताओं से भी वार्ताओं का दौर चल ही रहा है।

 मौलाना साद से भी इसी तरह वार्ताओं का दौर चला था और स्थिति कंट्रोल से बाहर ना हो जाए इसलिए मौलाना साद का मुकदमा भी रफा-दफा कर दिया वही स्थिति अब किसान आंदोलन के समक्ष उपस्थित हो चुकी है।

 फेसबुक पोस्ट से  घटी तो  सुरक्षा एजेंसियों की चूक का तुरंत जायजा लिया गया और तुरंत कैबिनेट मंत्रियों के बैठक के शुरू हुई  चर्चा शुरू की गई दिल्ली पुलिस के भी काफी उच्च स्तर पर बैठक हुई और दिल्ली पुलिस ने भी अपनी चिंताओं से अजीत डोभाल और अमित शाह जी को अवगत कराया और मोदी जी डायरेक्ट सारी राष्ट्र विरोधी  गतिविधियां जो घट चुकी है उसका जायजा ले रहे हैं और राष्ट्र की चिंताओं को आपत्तिजनक बता चुके थे ।


 अमित शाह जी और मोदी जी के बीच और कैबिनेट मंत्रियों के बीच भी उच्च स्तर की बैठकर चल रही थी किस तरह देशद्रोही गतिविधियों और आंदोलन के उग्र होने की गतिविधियों को शांत करके ठीक-ठाक किया जाए।

अमित शाह और कैबिनेट मंत्री सभी एक सुर में कह रहे थे गद्दारों के बिलों में हमने बहुत ज्यादा कुछ ज्यादा ही खोलता तेल डाल दिया है इसलिए काफी उग्र और कुछ अधिक गद्दार Billo से बाहर निकल रहे हैं जिससे स्थिति आपत्तिजनक हो चुकी हैं।और कंट्रोल के बाहर जा रही है लेकिन अब तक स्थिति शांत हो चुकी हैं।

आनन-फानन में किसान नेताओं से भी वार्ताओं का दौर चल रहा है किसी गंभीर परिणाम पर पहुंचने से पहले किसान नेताओं पर भी यूएपीए जैसी घातक धाराएं लगाकर फिर से देश के वातावरण को उग्र नहीं बनाना चाहते हैं मोदी और अमित शाह जी ठंडे दिमाग से घातक कूटनीति के तहत किसान नेताओं को छोटे-मोटे मुकदमे लगाकर जो दोषी थे हैं इस मामले को भड़काने के बजाय रफा-दफा करने की तैयारी में पहुंच चुके हैं।

 लेकिन इस पूरे प्रकरण में राजनाथ सिंह की कमी खल रही है जो तुरंत कुछ एक्शन तो नहीं लेते हैं लेकिन तुरंत कड़ी निंदा तो कर ही देते।

 अब  घातक धाराए अगर किसान नेताओं पर लगा देंगे तो स्थिति संभालना मुश्किल हो जाएगा और मोदी शाह की कूटनीति किसी भी गंभीर इस स्थिति में देश को फसाना नहीं चाहती।इसलिए किसान नेताओं से भी वार्ताओं का दौर चल ही रहा है।

 मौलाना साद से भी इसी तरह वार्ताओं का दौर चला था और स्थिति कंट्रोल से बाहर ना हो जाए इसलिए मौलाना साद का मुकदमा भी रफा-दफा कर दिया वही स्थिति अब किसान आंदोलन के समक्ष उपस्थित हो चुकी है।

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